बजट दिवस पर भारतीय बाजार का एक दशक: 2014 से 2023 तक का सफर
भारत में बजट दिवस न केवल आर्थिक नीतियों का ऐलान होता है, बल्कि यह शेयर बाजार के लिए एक “वॉल्टिलिटी डे” की तरह होता है। पिछले 10 वर्षों में बजट ने निवेशकों के मनोबल, सरकारी योजनाओं और वैश्विक घटनाओं के बीच बाजार को प्रभावित किया है। आइए, एक नजर डालते हैं कि पिछले एक दशक में बजट दिवस पर सेंसेक्स और निफ्टी ने कैसा प्रदर्शन किया और किन नीतियों ने बाजार को हिलाकर रख दिया।
2014: “मोदीनॉमिक्स” की शुरुआत
- प्रमुख घोषणाएं: इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर, ‘मेक इन इंडिया’ और FDI नियमों में ढील।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स 1.3% (261 अंक) चढ़ा। निवेशकों को नई मोदी सरकार से आर्थिक सुधारों की उम्मीद थी।
2015: राजकोषीय अनुशासन पर फोकस
- प्रमुख घोषणाएं: जीडीपी का 3.9% राजकोषीय घाटा, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, और GST का रोडमैप।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स में 0.6% की मामूली बढ़ोतरी। GST को लेकर अस्पष्टता बनी रही।
2016: किसानों को बड़ा तोहफा, लेकिन LTCG टैक्स से झटका
- प्रमुख घोषणाएं: ग्रामीण खर्च में वृद्धि, इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रांट, और इक्विटी पर 10% LTCG टैक्स।
- बाजार की प्रतिक्रिया: LTCG टैक्स के झटके से सेंसेक्स 2.3% (660 अंक) गिरा।
2017: नोटबंदी के बाद उम्मीद की किरण
- प्रमुख घोषणाएं: किसानों के लिए लोन माफी, किफायती आवास योजना, और इनकम टैक्स दरों में कमी।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स 1.8% (485 अंक) उछला। नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिला।
2018: LTCG टैक्स ने फिर मचाई खलबली
- प्रमुख घोषणाएं: 1 लाख रुपये से अधिक के शेयर मुनाफे पर 10% LTCG टैक्स, 10 करोड़ परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा।
- बाजार की प्रतिक्रिया: टैक्स के डर से सेंसेक्स 2.3% (840 अंक) लुढ़का।
2019: चुनावी बजट और पॉपुलिज्म
- प्रमुख घोषणाएं: किसानों को 6,000 रुपये सालाना (PM-KISAN) और मध्यम वर्ग के लिए टैक्स छूट।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स 0.6% (212 अंक) बढ़ा, लेकिन राजकोषीय घाटे की चिंता बनी रही।
2020: कोविड के बादल
- प्रमुख घोषणाएं: इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और नई इनकम टैक्क्स स्कीम।
- बाजार की प्रतिक्रिया: कोविड की आशंका से सेंसेक्स 2.4% (988 अंक) गिरा।
2021: महामारी के बाद पुनर्जागरण
- प्रमुख घोषणाएं: स्वास्थ्य बजट में वृद्धि, PLI स्कीम, और सार्वजनिक संपत्ति का मुद्रीकरण।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स ने 5% (2,314 अंक) की जबरदस्त छलांग लगाई। विकास पर फोकस से निवेशक खुश।
2022: इंफ्रास्ट्रक्चर बूम
- प्रमुख घोषणाएं: कैपिटल एक्सपेंडिचर में 35% बढ़ोतरी, गति शक्ति प्लान, और क्रिप्टो पर टैक्स।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स 1.4% (848 अंक) चढ़ा। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उत्साह।
2023: चुनाव पूर्व बजट
- प्रमुख घोषणाएं: कैपिटल खर्च में वृद्धि, टैक्स रिबेट, और ग्रीन एनर्जी पर फोकस।
- बाजार की प्रतिक्रिया: सेंसेक्स 1.5% (907 अंक) बढ़ा। 2024 चुनाव से पहले स्थिरता का संकेत।
10 साल के बजट दिवस से सीख
- नीतिगत सुधारों ने जीता दिल: GST, PLI जैसे सुधारों ने बाजार को उछाल दिया।
- टैक्स का डर: LTCG और क्रिप्टो टैक्स से बाजार में गिरावट आई।
- सेक्टोरल असर: इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर और ग्रामीण सेक्टर में तेजी।
- वैश्विक चुनौतियां: कोविड और महंगाई ने कई बार बजट के प्रभाव को कम किया।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए मंत्र
बजट दिवस पर बाजार का उतार-चढ़ाव आम है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों को शोर से परे नीतिगत निरंतरता पर ध्यान देना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इकॉनमी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सुधार भविष्य की ग्रोथ का आधार हैं। वहीं, टैक्स नीतियों में अचानक बदलाव से सतर्क रहने की जरूरत है। 2024 के बजट में ग्रीन एनर्जी, AI और चुनावी खर्च पर नजर रखें!
याद रखें: बजट सिर्फ एक दिन का इवेंट नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था की दिशा तय करता है। समझदारी से निवेश करें, और अफवाहों से दूर रहें!